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रुद्राक्ष सरस्वती बंध

सरस्वती बंध रुद्राक्ष एक विशेष प्रकार का रुद्राक्ष संयोजन होता है, जिसे विद्या, बुद्धि, स्मरण शक्ति और वाणी में सुधार के लिए धारण किया जाता है। यह विशेष रूप से छात्रों, शिक्षकों, कलाकारों और वक्ताओं के लिए उपयोगी माना जाता है।

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सरस्वती बंध रुद्राक्ष  एक विशेष प्रकार का रुद्राक्ष संयोजन होता है, जिसे विद्या, बुद्धि, स्मरण शक्ति और वाणी में सुधार के लिए धारण किया जाता है। यह विशेष रूप से छात्रों, शिक्षकों, कलाकारों और वक्ताओं के लिए उपयोगी माना जाता है।


🪷 सरस्वती रुद्राक्ष बंध क्यों पहना जाता है?

1. विद्या और बुद्धि की प्राप्ति के लिए:

  • यह बंध माँ सरस्वती का आशीर्वाद माना जाता है, जो ज्ञान, संगीत, कला और वाणी की देवी हैं।

  • wearer की स्मरण शक्ति, मन की एकाग्रता और सोचने की क्षमता को बढ़ाता है।

2. बोलने की शक्ति और आत्म-अभिव्यक्ति में सुधार:

  • यह गले के चक्र (Throat Chakra) को सक्रिय करता है, जिससे स्पष्ट और प्रभावशाली बोलने में मदद मिलती है।

  • विद्यार्थियों, वकीलों, शिक्षकों और वक्ताओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी।

3. मन की शांति और ध्यान के लिए:

  • यह रुद्राक्ष संयोजन wearer को मन की चंचलता, भ्रम और अनिश्चितता से बाहर निकालता है।

  • मेडिटेशन या पढ़ाई में ध्यान केंद्रित करने में सहायक होता है।

4. परीक्षा, इंटरव्यू और प्रतिस्पर्धाओं में सफलता के लिए:

  • इसे पहनने से नर्वसनेस और आत्म-संदेह कम होता है, जिससे आत्म-विश्वास बढ़ता है।


📿 सरस्वती रुद्राक्ष बंध में आमतौर पर कौन से रुद्राक्ष होते हैं?

इस बंध में सामान्यतः निम्नलिखित रुद्राक्ष शामिल किए जाते हैं (कुछ वैरिएंट में फर्क हो सकता है):

रुद्राक्ष उद्देश्य
4 मुखी बुद्धि, स्मृति, वाणी
6 मुखी आत्म-नियंत्रण, एकाग्रता
5 मुखी मानसिक शांति और संतुलन
3 मुखी (कभी-कभी) पुराने मानसिक बोझ से मुक्ति

🔮 किसे पहनना चाहिए?

  • विद्यार्थी (छात्र)

  • प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर रहे लोग

  • शिक्षक, प्रोफेसर

  • कलाकार, गायक, लेखक, वक्ता

  • जिनकी बोलने की शक्ति या आत्मविश्वास में कमी है


📅 पहनने की विधि:

  • दिन: बुधवार या वसंत पंचमी (सरस्वती पूजा) के दिन श्रेष्ठ माना जाता है

  • मंत्र:
    👉 “ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः” – 108 बार जाप करें
    👉 “ॐ ह्रीं नमः” भी किया जा सकता है

  • रुद्राक्ष को गंगाजल, दूध और शहद से शुद्ध करके धारण करें


⚠️ कुछ सावधानियां:

  • इसे पवित्रता और श्रद्धा के साथ पहनना चाहिए

  • मांस, मदिरा और अपवित्र आचरण से बचना चाहिए

  • इसे नियमित रूप से साफ करके ऊर्जावान बनाए रखना चाहिए

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